‘हंस’ मासिक पत्रिका – देश की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली साहित्यिक पत्रिका महिला सरोकारों को उजागर करने के लिए प्रसिद्ध है. अनेक महिला लेखिकाओं की प्रतिभा को पहचानने का, उन्हें तराशने का कार्य हंस ने किया है. इसी सन्दर्भ में हंस ने समय समय पर महिला विशेषांक निकाले , जो इतने लोकप्रिय रहे , कि आज भी उनकी मांग बनी हुई है. उनकी इस लोकप्रियता को देखते हुए , इन्हे पुस्तकाकार रूप में लाया गया है. देश की जानी मानी लेखिकाओं की कहानियाँ, कवितायेँ, लेख इस पुस्तक श्रृंखला में उपलब्ध हैं.
भविष्य को अनुमान-सम्भव बनाने के लिए उसे इतनी ही छोटी-छोटी किश्तों में तोडना ज़रूरी है जितनी अतीत को वर्तमान में और वर्तमान को भविष्य में संक्रमित करती हुई हमें प्रत्यक्ष दिखाई दे। इसके आगे-पीछे जो होगा वह अनुमान से अधिक कल्पना होगी और वर्तमान को ही खींचकर तानकर अतीत और भविष्य में फैला रही होगी। यह पुस्तक उसी
अतीत होती सदी और स्त्री के भविष्य का सन्दर्भ है। यह पुस्तक तीन खण्डों में अपने पाठकों के लिए उपलब्ध है।
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