‘हंस’ मासिक पत्रिका – देश की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली साहित्यिक पत्रिका में प्रकाशित राजेन्द्र यादव द्वारा लिखित संपादकीय संकलन ‘मेरी तेरी उसकी बात (भाग 1 से 6) पेपरबैक (1986-1999)’ का पुस्तकाकार।
‘राजेन्द्र यादव जी के संपादकीय हंस पत्रिका का मूल स्वर हैं। उनकी ये टिप्पणियां इस बात की साक्षी हैं कि अपने जीवनकाल में उन्होंने किसी भी चुनौती के सामने हथियार नहीं डाले। ‘मेरी तेरी उसकी बात’ नाम से लिखे उनके संपादकीय पाठकों और वैचारिक विरोधियों में खासा चर्चा के विषय होते थे। नवंबर 2013 का संपादकीय राजेन्द्र जी का लिखा अंतिम संपादकीय है।’
‘हंस’ के चर्चित राजेन्द्र यादव के संपादकीय ‘मेरी तेरी उसकी बात’- छे खंडो का संग्रह
अगर आप राजेन्द्र यादव के संपादकीय संकलन का पूरा सेट लेते हैं, तो 1999 रु. के बजाय 1500 रु. (डाक ख़र्च साहित) का भुगतान कर राजेन्द्र यादव के संपादकीय ‘मेरी तेरी उसकी बात (भाग 1 से 6) पेपरबैक (1986-1999)’ ऑर्डर कर मंगवा सकते हैं। ऑर्डर करते समय अपना पूरा पता लिखें ताकि पुस्तकें पहुंचने में समस्या ना हो।
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