ISBN: 978-8194899723
EDITION:मन्नू भंडारी पर केन्द्रित यह पुस्तक मन्नू जी के जीवन से जुड़े कुछ नए झरोखों को खोलती है। अब जब मन्नू जी हमारे बीच नहीं हैं, उनकी स्मृतियाँ ज़्यादा गहरी, उनका लेखन ज़्यादा धारदार, उनके जीवन संघर्ष ज़्यादा सघन होकर सामने आकर ठिठक जाते हैं, उनके रचे हुए शब्दों की खनक अब हमारी थाती, हमारी ताकत और हमारा हौसला है। हंस मासिक पत्रिका - देश की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली साहित्यिक पत्रिका महिला सरोकारों को उजागर करने के लिए प्रसिद्ध है. अनेक महिला लेखिकाओं की प्रतिभा को पहचानने का, उन्हें तराशने का कार्य हंस ने किया है. इसी सन्दर्भ में हंस ने समय समय पर महिला विशेषांक निकाले , जो इतने लोकप्रिय रहे , कि आज भी उनकी मांग बनी हुई है. उनकी इस लोकप्रियता को देखते हुए , इन्हे पुस्तकाकार रूप में लाया गया है. देश की जानी मानी लेखिकाओं की कहानियाँ, कवितायेँ, लेख इस पुस्तक श्रृंखला में उपलब्ध हैं. visas
PAGE: 100
LANGUAGE: Hindi
ISBN: 978-8194899723
EDITION: मन्नू भंडारी पर केन्द्रित यह पुस्तक मन्नू जी के जीवन से जुड़े कुछ नए झरोखों को खोलती है। अब जब मन्नू जी हमारे बीच नहीं हैं, उनकी स्मृतियाँ ज़्यादा गहरी, उनका लेखन ज़्यादा धारदार, उनके जीवन संघर्ष ज़्यादा सघन होकर सामने आकर ठिठक जाते हैं, उनके रचे हुए शब्दों की खनक अब हमारी थाती, हमारी ताकत और हमारा हौसला है। हंस मासिक पत्रिका - देश की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली साहित्यिक पत्रिका महिला सरोकारों को उजागर करने के लिए प्रसिद्ध है. अनेक महिला लेखिकाओं की प्रतिभा को पहचानने का, उन्हें तराशने का कार्य हंस ने किया है. इसी सन्दर्भ में हंस ने समय समय पर महिला विशेषांक निकाले , जो इतने लोकप्रिय रहे , कि आज भी उनकी मांग बनी हुई है. उनकी इस लोकप्रियता को देखते हुए , इन्हे पुस्तकाकार रूप में लाया गया है. देश की जानी मानी लेखिकाओं की कहानियाँ, कवितायेँ, लेख इस पुस्तक श्रृंखला में उपलब्ध हैं.
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