ISBN: 978-8194899723
EDITION: visas
PAGE: 100
LANGUAGE: Hindi
हिन्दी सिनेमा के बारे में यह पुस्तक एक विलक्षण संग्रह है। हिन्दी सिनेमा के सौ वर्ष पूर्ण होने पर ‘हंस’ ने वर्ष 2013 में सिनेमा विशेषांक निकाला था। यह किताब उसी विशेषांक का पुस्तकाकार है। सिनेमा में रूचि रखने वालों को भी यह पुस्तक तमाम नयी जानकारियों से भी लैस करती है। सिनेमा जो कि जनमानस पर प्रभाव डालने वाली बहुत ही प्रभावशाली माध्यम है, उसके बारे में तमाम रचनाकारों ने बेहद वैचारिक टिप्पणियाँ लिखी हैं। फ़िल्म निर्देशकों से हुई बातचीत का हिस्सा हिन्दी सिनेमा के भविष्य को लेकर सावधान भी करता है। हंस मासिक पत्रिका - देश की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली साहित्यिक पत्रिका महिला सरोकारों को उजागर करने के लिए प्रसिद्ध है. अनेक महिला लेखिकाओं की प्रतिभा को पहचानने का, उन्हें तराशने का कार्य हंस ने किया है. इसी सन्दर्भ में हंस ने समय समय पर महिला विशेषांक निकाले , जो इतने लोकप्रिय रहे , कि आज भी उनकी मांग बनी हुई है. उनकी इस लोकप्रियता को देखते हुए , इन्हे पुस्तकाकार रूप में लाया गया है. देश की जानी मानी लेखिकाओं की कहानियाँ, कवितायेँ, लेख इस पुस्तक श्रृंखला में उपलब्ध हैं
ISBN: 978-8194899723
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